या तो युद्ध छेड़ दो हमसे,
या तो युद्ध छेड़ दो हमसे,
या फिर आत्मसमर्पण कर दो।
या तो सब कुछ अर्पण कर दो,
या फिर इस रिश्ते का तर्पण कर दो।
या तो पहनाकर जयमाला,
जीवन पर अधिकार जताओ।
या फिर इस आधेपन को,
अंतिम श्वेत वस्त्र पहनाओ।
या तो अधिकारों की कोई,
सुन्दर सुघड़ मुद्रिका लाओ।
या फिर प्यासे संबंधों की,
शेष सभी अस्थियाँ बहाओ।
या तो अंतर दे दो हमको,
या फिर आँखों का तर्पण कर दो।
या तो सब कुछ अर्पण कर दो,
या फिर इस रिश्ते का तर्पण कर दो।
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