या तेरी मेरी यारी
*** या तेरी मेरी यारी ***
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या तेरी मेरी सै इसी यारी,
लागती न्यू जान से प्यारी।
लम्बे रूट पाई जावेगी या,
बीच महँ ना कोई सवारी।
बिना रुकया या चाले भाई,
बैरा ना कड़े की सै तैयारी।
लोग-लुगाई भी रुक्के मारें,
कोई ना सुनता रौला भारी।
मोलभाव ते कतई दूर खड़ी,
चाहे जान फूंक दै व्यापारी।
मनसीरत चढ़ लिया गाड़ी,
गेल्याँ चढ़ी छोरी कुंवारी।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)