या खुदा, सुन मेरी फ़रियाद,
या खुदा, सुन मेरी फ़रियाद,
ये बोझ दिल का अब सहा नहीं जाता।
या तो दे सुकून की एक झलक,
या फिर बुला ले, जहां तेरा नूर बरसता।
सिसकियों ने अब आवाज़ खो दी,
खून के आँसू हैं, जो रुकते नहीं।
ज़िंदगी से अब शिकवा नहीं,
बस एक सुकून की ख्वाहिश है कहीं।
हर कदम भारी, हर सांस अधूरी,
या खुदा, अब मेरी रूह को कर पूरी।
ज़रा सुन ले ये दर्द भरी पुकार,
या तो मुझे थाम, या दे बस प्यार।