.. या खुदा मेरे सारे गुनाह माफ करे
शिद्दत से ख्वाहिश है दिल की
खुदा मेरे सारे गुनाह माफ करे
पर गुनाह जो तुझसे हुए
याखुदा उनका कौन हिसाब करे
रिवाजो रस्मो की अाड़ मे
न मालुम कितने दिल सिसक रहे है
क्या पता कौन सी बज्म उन्हे आबाद करे
चिरागे रौशन तो खातिर उजाले के हुआ
क्या हश्र हो जब वही रौशन बर्बाद करे ….
या खुदा मेरे सारे गुनाह माफ करे