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9 Aug 2020 · 1 min read

यार न रहा

भीग रही हूं खुद के ही टूट के बरस जाने से
तुम खोल दो दरवाजे हम से सब्र नहीं हो रहा

चलो माना हमने, तुम्हारा हमरा कोई रिश्ता नहीं
क्या आदमियत का भी अब हम से वास्ता न रहा

कतनी चीखी , कितनी आवाजें दी मैं ने दरवाजे पे
क्या बन्द दरवाजे के पीछे अब मेरा कोई यार न रहा

~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
2 Likes · 426 Views
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