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15 Jan 2021 · 1 min read

यार अब रहने दे

अब तो कुछ मत बोल
यार अब रहने दे
अश्रु नयन से बहते हैं
अब बहने दे
पीर हृदय में अकुलाई
अब सहने दे
महल आस का ढहता है
अब ढहने दे
गही नहीं जो व्यथा कभी
अब गहने दे
अब तो कुछ मत बोल
यार अब रहने दे।

अशोक सोनी
भिलाई ।

Language: Hindi
5 Likes · 6 Comments · 394 Views
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