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4 Jun 2021 · 1 min read

यारों

जरा जिन्दगी को ठहरने दो यारों
छुपे अरमाँ को दिल से निकलने दो यारों

बिना ही कहें रूक जाये कभी तो
थमें है कदम फिर से चलने दो यारों

ढलेगी जबानी बुढ़ापे में तेरी कभी तो
मुहब्बत जवाँ दिल को करने दो यारों

उसे रूखसत आज हमसे करो जो
किसी भी घडी क्यों बिलखने दो यारों

भले देख लो आज सपने हसीँ तुम
मगर पाँव को तो जमीं पे तो टिकने दो यारों

Language: Hindi
75 Likes · 1 Comment · 420 Views
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