Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2021 · 1 min read

*यारा तुझमें रब दिखता है *

डा. अरुणकुमार शास्त्री – एक अबोध बालक अरुण अतृप्त
*यारा तुझमें रब दिखता है *
अब न घर चाहिए न डगर चाहिए
खूबसूरत सा बस हम सफर चाहिए ||
आशना था मैं कभी कुछ दिनों के लिए
तेरे जाते ही अब सपन टूटना चाहिए ||
दर्द ही अब मेरी है दवा बन गया
इतना हद से बढा के शिफ़ा बन गया ||
मुझको अब तो सकूँ का वो पल चाहिए
अब न घर चाहिए न डगर चाहिए ||
खूबसूरत सा बस हम सफर चाहिए
लोग आते गए लोग जाते रहे
बातें कर कर मुझे फिर रुलाते रहे ||
सिलसिला बातों का अब छूटना चाहिए
मुझको अब तो सकूँ का वो पल चाहिए ||
अब न घर चाहिए न डगर चाहिए
खूबसूरत सा बस हम सफर चाहिए ||
देखो घन्टी बजी शायद वो हो कहीं
देखो घन्टी बजी शायद वो हो कहीं
जिसके पीछे हैं मेरी खुशियाँ रुकी ||
खोल दो खिड़कियाँ पूरा घर खोल दो
उसके आते ही तुम चमन खोल दो ||
कोई रोके नहीं कोई टोके नही
आज मुझको तो बस वो जतन चाहिए
अब न घर चाहिए न डगर चाहिए ||
खूबसूरत सा बस हम सफर चाहिए

2 Likes · 263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
वगिया है पुरखों की याद🙏
वगिया है पुरखों की याद🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
■ प्रश्न का उत्तर
■ प्रश्न का उत्तर
*प्रणय प्रभात*
भला दिखता मनुष्य
भला दिखता मनुष्य
Dr MusafiR BaithA
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हमारे रक्षक
हमारे रक्षक
करन ''केसरा''
मोक्ष
मोक्ष
Pratibha Pandey
" दिल गया है हाथ से "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
किसी दर्दमंद के घाव पर
किसी दर्दमंद के घाव पर
Satish Srijan
सपना देखना अच्छी बात है।
सपना देखना अच्छी बात है।
Paras Nath Jha
आइन-ए-अल्फाज
आइन-ए-अल्फाज
AJAY AMITABH SUMAN
एक उम्र
एक उम्र
Rajeev Dutta
संभावना
संभावना
Ajay Mishra
3034.*पूर्णिका*
3034.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*लोग सारी जिंदगी, बीमारियॉं ढोते रहे (हिंदी गजल)*
*लोग सारी जिंदगी, बीमारियॉं ढोते रहे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
शिवाजी गुरु स्वामी समर्थ रामदास – भाग-01
शिवाजी गुरु स्वामी समर्थ रामदास – भाग-01
Sadhavi Sonarkar
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
Manisha Manjari
त्वमेव जयते
त्वमेव जयते
DR ARUN KUMAR SHASTRI
51…..Muzare.a musamman aKHrab:: maf'uul faa'ilaatun maf'uul
51…..Muzare.a musamman aKHrab:: maf'uul faa'ilaatun maf'uul
sushil yadav
Someday you'll look back and realize that you overcame all o
Someday you'll look back and realize that you overcame all o
पूर्वार्थ
"मुरीद"
Dr. Kishan tandon kranti
*****रामलला*****
*****रामलला*****
Kavita Chouhan
एक छोर नेता खड़ा,
एक छोर नेता खड़ा,
Sanjay ' शून्य'
शिक्षक
शिक्षक
Mukesh Kumar Sonkar
घाघरा खतरे के निशान से ऊपर
घाघरा खतरे के निशान से ऊपर
Ram Krishan Rastogi
जितने चंचल है कान्हा
जितने चंचल है कान्हा
Harminder Kaur
KRISHANPRIYA
KRISHANPRIYA
Gunjan Sharma
निभाना साथ प्रियतम रे (विधाता छन्द)
निभाना साथ प्रियतम रे (विधाता छन्द)
नाथ सोनांचली
लम्हा-लम्हा
लम्हा-लम्हा
Surinder blackpen
जिंदगी के रंगों को छू लेने की,
जिंदगी के रंगों को छू लेने की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मित्रता
मित्रता
Shashi kala vyas
Loading...