यामिनी
यामिनी शुभ गामिनी हूं,
पूर्णिमा की यामिनी।
सत्यपथ गामिनी हूं पूर्णिमा की यामिनी
कालिमा की गोद में चमके चन्द्रमा की चांदनी
अंधकार की राहों में, दुख की काली राहों में
चांद से लेकर रोशनी,चमकूं सदा काले गगन में।
हूं मैं निश्छल प्रेम की सरिता
छल -छल करती यमुना में चमकती चांदनी
यामिनी शुभ गामिनी हूं
पूर्णिमा की यामिनी।
कुशल क्षेम की कामिनी
करती सदा मै कामिनी
यामिनी शुभ गामिनी हूं
पूर्णिमा की यामिनी।
तालाब में खिलती, कुमुदिनी के
अंग पर पढ़ी ओस की बूंदों पर
चमकती हूं चांदनी।
यामिनी शुभ गामिनी हूं,
पूर्णिमा की यामिनी।।