याद
तुम्हारी याद से जुदा हम कब हो पाते हैं
जहां रहते हैं हर उस जगह साथ तुम्हें पाते हैं
रहने दो कुछ पहर और यादों में पोशीदा होकर
शब ए जिंदगी से जब तलक न हम गुज़र जाते हैं
~ सिद्धार्थ
तुम्हारी याद से जुदा हम कब हो पाते हैं
जहां रहते हैं हर उस जगह साथ तुम्हें पाते हैं
रहने दो कुछ पहर और यादों में पोशीदा होकर
शब ए जिंदगी से जब तलक न हम गुज़र जाते हैं
~ सिद्धार्थ