याद हमारी बहुत आयेगी कल को
याद हमारी बहुत, आयेगी कल को।
हमारी मोहब्बत, यह मनुहार तुमको।।
याद हमारी बहुत———————।।
किया क्या नहीं हमने, तुम्हें खुश रखने को।
बहे नहीं आँसू तुम्हारे, तुम्हें हँसते रखने को।।
वफ़ा जो निभाई हमने, तुम्हारे लिए कल को।
याद हमारी बहुत———————।।
तोड़ा रिश्तों अपनों से, साथ तुम्हारा देने को।
जीवनसाथी तुमको, अपना मैंने बनाने को।।
सींचा था अपने खून से,जो बाग कल को।
याद हमारी बहुत——————–।।
तारीफ बहुत की तुम्हारी, हमने यहाँ सबसे।
आबाद हमेशा तू रहे, दुहा यह की रब से।।
रखा था रोशन दीपक, तुम्हारे लिए कल को।
याद हमारी बहुत———————।।
सितम तुम्हारा यार जब, तुम पर करेगा।
तोड़कै तुम्हारा दिल, प्यार और से करेगा।।
आयेगी याद मेरी तुम्हें, जिंदगी में कल को।
याद हमारी बहुत——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)