Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2024 · 1 min read

याद रख कर तुझे दुआओं में ,

याद रख कर तुझे दुआओं में ,
फ़िक्र करते हैं, तेरी हर लम्हा ।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

1 Like · 15 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
बहुत हैं!
बहुत हैं!
Srishty Bansal
मुझे भी तुम्हारी तरह चाय से मुहब्बत है,
मुझे भी तुम्हारी तरह चाय से मुहब्बत है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन का किसी रूप में
जीवन का किसी रूप में
Dr fauzia Naseem shad
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
शेखर सिंह
जिंदगी रूठ गयी
जिंदगी रूठ गयी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
23/01.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/01.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
Swami Ganganiya
ग़ज़ल __
ग़ज़ल __ "है हकीकत देखने में , वो बहुत नादान है,"
Neelofar Khan
हे राम !
हे राम !
Ghanshyam Poddar
कैसे देख पाओगे
कैसे देख पाओगे
ओंकार मिश्र
दिली नज़्म कि कभी ताकत थी बहारें,
दिली नज़्म कि कभी ताकत थी बहारें,
manjula chauhan
भड़ोनी गीत
भड़ोनी गीत
Santosh kumar Miri
जिस्म का खून करे जो उस को तो क़ातिल कहते है
जिस्म का खून करे जो उस को तो क़ातिल कहते है
shabina. Naaz
बेहद दौलत भरी पड़ी है।
बेहद दौलत भरी पड़ी है।
सत्य कुमार प्रेमी
हमारी शाम में ज़िक्र ए बहार था ही नहीं
हमारी शाम में ज़िक्र ए बहार था ही नहीं
Kaushal Kishor Bhatt
Upon waking up, oh, what do I see?!!
Upon waking up, oh, what do I see?!!
R. H. SRIDEVI
प्रारब्ध भोगना है,
प्रारब्ध भोगना है,
Sanjay ' शून्य'
तुम्हें अहसास है कितना तुम्हे दिल चाहता है पर।
तुम्हें अहसास है कितना तुम्हे दिल चाहता है पर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*Broken Chords*
*Broken Chords*
Poonam Matia
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
राष्ट्र सेवा के मौनव्रती श्री सुरेश राम भाई
राष्ट्र सेवा के मौनव्रती श्री सुरेश राम भाई
Ravi Prakash
नफ़्स
नफ़्स
निकेश कुमार ठाकुर
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है
Bhupendra Rawat
परम तत्व का हूँ  अनुरागी
परम तत्व का हूँ अनुरागी
AJAY AMITABH SUMAN
मिटेगी नहीं
मिटेगी नहीं
surenderpal vaidya
प्यार ईश की वन्दना,
प्यार ईश की वन्दना,
sushil sarna
"दिल का हाल सुने दिल वाला"
Pushpraj Anant
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
मात-पिता गुरु का ऋण बड़ा, जन्मों न चुक पाए
मात-पिता गुरु का ऋण बड़ा, जन्मों न चुक पाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...