याद मेरी उसको आती तो होगी
याद मेरी उसको आती तो होगी
रातों को उठकर जगाती तो होगी
यादों का झरोखा नोचता तो होगा
नसों में खून उसके खोलता होगा
बाहों में तकिया बोचती तो होगी
याद मेरी……………………….
प्यार की बाते प्रेम की वो सौगातें
दिन और रातें वो सारी मुलाकातें
बाहों में मुझे वो पलोसती तो होगी
याद मेरी…………………………..
आँखें बंद कर मुझे सोचती होगी
ख्वाबों में मुझे वो ढूँढती तो होगी
माथे मेरे को कभी चूमती तो होगी
याद मेरी………………………….
साथ साथ बीताए वो हसीन नजारे
चोरी चोरी चुपके आँखों के इशारें
सर्द ठण्डी हवाएँ टीसती तो होगी
याद मेरी…………………………..
रूठना मनाना और गले लग जाना
हाथों में लेकर हाथ बातें बतियाना
राहों में मेरी पलकें बिछाती तो होगी
याद मेरी…………………………..
याद मेरी उसको आती तो होगी
रातों को उठ कर जगाती तो होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत