याद मुझे उनकी भी आती है,
कविता
याद मुझे उनकी भी आती हैं,
जो दिल में ही समा जाती हैं,|
क्या खूँब आता हैं वो वक्त,
सुबह शाम यूँ ही गूजर जाती हैं,|
चहल पहल रहती हैं मन में,
आँगन म खुशियाँ छा जाती,|
साथ सभी जब एक बैठते,
वो अजब गजब सी बात सुनाती,|
कोई हँश देता भावुक होता,
समय की अजब ये बात सुनाती,|
याद मुझे उनकी भी आती हैं,
जो दिल में ही समा जाती हैं,
होते सब तो वो बतलाती,
सभी के सामने मुझे अलग बतलाती,|
अपने ही हाल को छुपा जाती हैं,
उस दर्द को मुझे ही बता ती हैं,|
कहती हैं वो मुझसे में क्या करू,
किस्मत क्या हैं मेरी कई मयूँसियाँ बताती हैं,|
मैंरे कहने पर वो सब कुछ सह जाती हैं,
सुनकर वो इन बातो को अगला दिन खुशी से बिताती हैं,|
याद मुझे उनकी भी आती हैं,
जो दिल में ही समा जाती ह,|
लेखक.
Jayvind singh