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16 Sep 2021 · 1 min read

याद मत करना

भुलाना है भुला देना मुझे अब याद मत करना
कभी भी रब के आगे अब मेरी फरियाद मत करना

वो हंसना मुस्कुराना और पिलाना जाम नजरों से
हिलाकर हांथ धीरे से बुलाना याद मत करना

दरवाज़े से छुपकर वो खड़े होना बहाने से
चिलमन का उठाना और गिराना याद मत करना

बचकर सबकी नज़रों से बैठ करके बगीचे में
हमारे दरमियां गुज़रा तकल्लुम याद मत करना

वो नग्मे प्यार के हमने जो गाये थे भरी महफिल
तरन्नुम और तबस्सुम वो हमारा याद मत करना

ये माना के रईसी अब तुमारी है पता सबको
मुफ़लिसी में गले लगना हमारा याद मत करना

जिसे सुनकर सुर्ख़ होते ग़ुल-ए-रुख़सार थे तेरे
भूल जाना वो मेराअब तख़ल्लुस याद मत करना

भुलाना है भुला देना मुझे अब याद मत करना
कभी भी रब के आगे अब मेरी फरियाद मत करना

भुलाना है भुला देना मुझे अब याद मत करना
भुला देना भुला देना मुझे अब याद मत करना

अशोक मिश्र

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