*याद तेरी यार आती है*
याद तेरी यार आती है
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याद तेरी यार आती है,
रात दिन हर वार आती है।
देखता जाऊँ हृदय तल से,
खूब संवर नार आती है।
रोक पाये ना कभी आँधी,
लाँघ सीमा पार आती है।
सह न पाऊँ जुदाई पल,
नीर की बन धार आती है।
ख्वाब देखे यार मनसीरत,
ख्याल में सरकार आती है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)