याद तेरी आती है
याद तेरी आती है
रंग तेरी चाहत का कुछ इस कदर चढ़ा हुआ है
ग़र साँस भी लेता हूं तो याद तेरी आती है
जुनून तेरे प्यार का कुछ इस कदर चढ़ा हुआ है
ग़र सोचता हूं कुछ भी तो याद तेरी आती है
नशा तेरी मोहब्बत का कुछ इस तरह चढ़ा हुआ है
ध्यान करता हूं जो रब की तो याद तेरी आती है
बुखार तेरे प्यार का कुछ इस तरह चढ़ा हुआ है
दवा करता हूँ ग़र जब भी तो याद तेरी आती है
मिलने को यूँ तो जीवन में मिलते हैं शख्स ढेरों
जिक्र होता है जब वफा का तो याद तेरी आती है
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश