याद कर कर म6आँसू बहाता रहा
**याद कर कर मैं आँसू बहाता रहा**
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याद कर कर मैं आँसू बहाता रहा
दर्द भरे गीत जुदाई में गाता रहा
दिन कैसे भूलूँ मैं,बड़े थे प्यार भरे
किस्से प्रेम के मैं रोजाना सुनाता रहा
हरजाई जालिम नर्म दिल है तोड़ गया
अश्कों की झड़ी नैनों से बरसाता रहा
प्रीत की लागी झट से यूँ ही टूट गई
तन्हाई में तनहा मैं बड़बड़ाता रहा
तराने मोहब्बत के संग संग गाये
बीते लम्हों में खुद को सदा पाता रहा
मनसीरत प्रेम के पिंजरे में कैद था
बिखर कर अकेला मैं छटपटाता रहा
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)