याद आई
अहा! कि फिर आज अरसे बाद,
तेरी कुछ बीती बातें याद आई।
हां, हैं अब तक जो अधूरी तुमसे,
वो कुछ खास मुलाकातें याद आई।
कि थी मंजिल भी अलग और कारवां भी
गुज़रती थीं जो राहें पास से वो याद आईं।
नहीं तन्हा मगर हम फिर भी तुमको ढूंढते हैं
थे कैसे हर बात पर खुशियां मनाते, वो याद आईं।
नीलम शर्मा ं