यादों को जब से
यादों को जब से आपसा सहारा बना लिया
तन्हाइयों की आग से दामन बचा लिया
उजड़ा जो आँधियों मे सपनो का वो महल
दिल मे ही एक खूबसूरत आशियाँ बना लिया
अपने दीवानेपन पे जब कहकहा लगा
हमने भी दिवानगी से मुस्कुरा लिया
दर्दो गम तुम्हारा कभी हद से जो बढ़ा
चादर मे सर को ढाप के आँसू बहा लिया
M.T.”Ayen”