यादों के पहाड़ों पर
तुम्हे पता है …
यादों के पहाड़ों पर..
तुम्हारे प्रेम की वो
अनुगूॅंज !
आँख मिचमिचाते सपनों को
लगा लेती है गले से !
और मुझे..
हमेशा अच्छा लगता है..
ऐसे ही.. तुमसे मिल के !
स्वरचित
रश्मि लहर
लखनऊ
तुम्हे पता है …
यादों के पहाड़ों पर..
तुम्हारे प्रेम की वो
अनुगूॅंज !
आँख मिचमिचाते सपनों को
लगा लेती है गले से !
और मुझे..
हमेशा अच्छा लगता है..
ऐसे ही.. तुमसे मिल के !
स्वरचित
रश्मि लहर
लखनऊ