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11 Jun 2020 · 1 min read

यादों के जंगलों में, खतरा ही खतरा l

यादों के जंगलों में, खतरा ही खतरा l
खूंखार खूंखार वक्त, बिखरा बिखरा ll

प्यास, मधुर मस्त यादें, बस कुछ पल सुख दें l
विरह दुखों से मुखड़ा, रहे उतरा उतरा ll

अरविन्द व्यास “प्यास”

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 195 Views
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