यादें
यादें ही हैं जो हमारे जीने का सहारा होती हैं
ये यादें कुछ मीठी सी तो कुछ तीखी सी होती हैं
यादें कभी बहुत हँसाती तो कभी बहुत रूलाती हैं
ये यादें हमेशा हमारे सुख दुःख की गवाह होती हैं
यादें हमें जीवन के कठिन डगर पर चलना सीखती हैं
ये यादे पग-पग हमें सम्भलना आगे बढ़ना बताती हैं
यादें कभी दादा-दादी की प्यारभरी थपकी बन जाती हैं
ये यादें कभी कभी नाना नानी की सपनों सी सुनहरी कहानियां सुना जाती हैं
यादें कभी बचपन की हंसी ठिठोली नादानी मासुमियत बन जाती हैं
ये यादें हमसे हमेशा आंखमिचौली खेल जाती हैं
यादें हमें गुड्डे गुड़ियों की शादी में ले जाती हैं
ये यादें हमें मिट्टी के घरोंदों से बड़े बड़े सपने बुनना सीखती हैं
यादें हमें माँ की ममताभरी गोदी सुरीली लोरी सुना जाती है
ये यादें हमें हमारे जीवन में माँ की कमी हर पल महसूस करा जाती हैं
यादें हमें हमारे सम्पूर्ण जीवन का सार बताती हैं
ये यादें ही तो हमारे जिंदगी की धरोहर है हमारी आधारशिला हैं
शकुंतला
अयोध्या(फैज़ाबाद)