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26 Oct 2017 · 2 min read

यादें

यादों का ये कैसा जाना-अनजाना सफ़र है,

भरी फूल-ओ-ख़ार से आरज़ू की रहगुज़र है।

रहनुमा हो जाता कोई,

मिल जाते हैं हम-सफ़र,

रौशनी बन जाता कोई,

हो जाता कोई नज़र,

ऐसी लगन बेताबियों की,

हो जाता कोई दरबदर है।

याद धूप है याद छाँव है,

तड़प-ओ-ख़लिश का एक गाँव है,

याद रात है याद ही दिन है,

न फ़लक़-ज़मीं पर होता पाँव है,

हिय में हूक होती है पल-पल,

बेक़रारी में चश्म-ए-तर है।

सुध न तन की न ही मन की,

तसव्वुर में बस तस्वीर उनकी,

ठौर-ए-वस्ल ताजमहल लगता है,

आब-ए-चश्म गंगाजल लगता है,

बे-ख़ुदी में रहती किसे क्या ख़बर,

कब शब हुई कब आयी सहर है।

दौर-ए-ग़म में भाता नहीं मशवरा,

लगता ज्यों चाँदनी रात में हो बारिश,

आये हवा उनके दयार की तो लगता है,

छुपा है इसमें संदेशा और सिफ़ारिश,

ज़माने की लाख बंदिशों को तोड़ने,

बार-बार दिल में उठती एक लहर है।

#रवीन्द्र सिंह यादव

शब्दार्थ /WORD MEANINGS

फूल-ओ-ख़ार= फूल और काँटे / FLOWERS AND THORNS

आरज़ू = इच्छा ,ख़्वाहिश ,चाहत ,मनोकामना /DESIRE ,WISH

रहगुज़र=राह ,रास्ता ,मार्ग ,पथ / WAY, PATH, ROAD

रहनुमा=पथ-प्रदर्शक ,राह दिखने वाला / LEADER , GUIDE

हम-सफ़र= साथी, साथ चलने वाला / FELLOW ,TRAVELER

बेताबियों= बेचैनी / RESTLESSNESS

दरबदर =द्वार-द्वार भटकना / BANISHED ,EXPELLED

तड़प-ओ-ख़लिश= छटपटाहट और व्यग्रता ,बेचैनी ,क़ोफ़्त / TORMENT AND UNEASE

फ़लक़-ज़मीं= आसमान और धरती / SKY AND EARTH

हिय= ह्रदय ,दिल / HEART

हूक= ह्रदय में यकायक उठने वाली कसक या पीड़ा /PANG , PAINFUL EMOTION

बेक़रारी= बेचैनी ,बेताबी / RESTLESSNESS ,UNEASE

चश्म-ए-तर= आँसूभरी आँख (आँखें ), डबडबाई आँख / EYES FILLED WITH TEARS

तसव्वुर= कल्पना , ख़्याल / IMAGINATION ,CONCEPTION

ठौर-ए-वस्ल= मिलन का स्थान ,ठिकाना / PLACE OF UNION, MEETING

आब-ए-चश्म= आँखों का पानी ,आँसू ,अश्क़ / TEARS

बेख़ुदी= ख़ुद से बे-ख़बर , अपने आपको भूल जाना ,आत्मविस्मित / INTOXICATION

शब = रात ,रात्रि / NIGHT

सहर = सुबह / MORNING

दौर-ए-ग़म= ग़म का दौर,दुखदाई समय / PERIOD OF SORROW

मशवरा= राय ,सलाह / CONSULTATION

दयार= इलाक़ा ,क्षेत्र / TERRITORY, REGION

बंदिशों = रोक ,प्रतिबंधों ,रुकावटों / STOPPAGE ,CLOSURE

Language: Hindi
560 Views
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