यादें
वहाँ कौन है तेरा ,तुझको कोई बुलाए क्यूँ ।
खुद के सताए हैं अगर ,तुझको कोई सताए
क्यूँ ।।
सारे ज़माने का दर्द उठाने की ताब है ।
अपने जिगर का दर्द इक उठाया नहीं जाता ।।
वहाँ कौन है तेरा ,तुझको कोई बुलाए क्यूँ ।
खुद के सताए हैं अगर ,तुझको कोई सताए
क्यूँ ।।
सारे ज़माने का दर्द उठाने की ताब है ।
अपने जिगर का दर्द इक उठाया नहीं जाता ।।