यह विचार स्वदेशी है
साँच को आँच नहि,
उद्यम में दिन रात नहि,
जीवनु, बिनु मातु नहि,
यह विचार स्वदेशी है।।1।।
भोजन,बिनु भात नहि,
मित्र की कोई जाति नहि,
दया बिनु साधु नहि,
यह विचार स्वदेशी है।।2।।
श्रद्धा बिनु भक्ति नहि,
संयम,बिनु शक्ति नहि,
ध्यान,बिनु ज्ञान नहि,
यह विचार स्वदेशी है।।3।।
धर्म बिनु कर्म नहि,
दिनु,बिनु, राति नहि,
छ्न्द बिनु काव्य नहि,
यह विचार स्वदेशी है।।4।।
उद्देश्य, बिनु मेहनत नहि,
दान जैसा सुख नहि,
‘अभिषेक’, बिनु संकल्प नहि,
यह विचार स्वदेशी है।।5।।
©अभिषेक पाराशर