Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2021 · 1 min read

यह रोने की बात नहीं है (भक्ति-गीत)

यह रोने की बात नहीं है (भक्ति-गीत)
=========================
यह रोने की बात नहीं है मरना नियम पुराना
(1)
तन में बचपन और जवानी, बूढ़ापन है आता
चेहरा झुर्रीदार शिथिल, पैरों से चला न
जाता
इस शरीर का अंत यही है इसको मुरझा
जाना
यह रोने की बात नहीं है मरना नियम पुराना
(2)
लोग जन्म लेते फिर मरते थोड़े दिनों ठहरते
रंगमंच रूपी दुनिया में अपना अभिनय करते
उसके बाद पता कब किसका कोई नहीं
ठिकाना
यह रोने की बात नहीं है मरना नियम पुराना
(3)
यूँ तो तन को बरस मिले सौ, पल की खबर
नहीं है
छिपा काल पर्दे के पीछे ,शायद यहीं कहीं है
भस्म चिता की, किसी नदी में खोए लिए
बहाना
यह रोने की बात बात नहीं है मरना नियम
पुराना
********************************
रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर

1 Comment · 203 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂
🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂
Dr. Vaishali Verma
श्री सुंदरलाल सिंघानिया ने सुनाया नवाब कल्बे अली खान के आध्यात्मिक व्यक्तित्व क
श्री सुंदरलाल सिंघानिया ने सुनाया नवाब कल्बे अली खान के आध्यात्मिक व्यक्तित्व क
Ravi Prakash
ऐसे हंसते रहो(बाल दिवस पर)
ऐसे हंसते रहो(बाल दिवस पर)
gurudeenverma198
जब उम्र कुछ कर गुजरने की होती है
जब उम्र कुछ कर गुजरने की होती है
Harminder Kaur
युवा संवाद
युवा संवाद
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मैं तो महज एक माँ हूँ
मैं तो महज एक माँ हूँ
VINOD CHAUHAN
ईगो का विचार ही नहीं
ईगो का विचार ही नहीं
शेखर सिंह
ज्यों ही धरती हो जाती है माता
ज्यों ही धरती हो जाती है माता
ruby kumari
अपनी इच्छाओं में उलझा हुआ मनुष्य ही गरीब होता है, गरीब धोखा
अपनी इच्छाओं में उलझा हुआ मनुष्य ही गरीब होता है, गरीब धोखा
Sanjay ' शून्य'
कई खयालों में...!
कई खयालों में...!
singh kunwar sarvendra vikram
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
पहले एक बात कही जाती थी
पहले एक बात कही जाती थी
DrLakshman Jha Parimal
बात तो सच है सौ आने कि साथ नहीं ये जाएगी
बात तो सच है सौ आने कि साथ नहीं ये जाएगी
Shweta Soni
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
प्रेमदास वसु सुरेखा
चिला रोटी
चिला रोटी
Lakhan Yadav
प्यार की लौ
प्यार की लौ
Surinder blackpen
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आत्मविश्वास की कमी
आत्मविश्वास की कमी
Paras Nath Jha
वह दिन जरूर आयेगा
वह दिन जरूर आयेगा
Pratibha Pandey
Radiance
Radiance
Dhriti Mishra
मेरा दामन भी तार- तार रहा
मेरा दामन भी तार- तार रहा
Dr fauzia Naseem shad
मुखड़े पर खिलती रहे, स्नेह भरी मुस्कान।
मुखड़े पर खिलती रहे, स्नेह भरी मुस्कान।
surenderpal vaidya
ईर्ष्या
ईर्ष्या
नूरफातिमा खातून नूरी
तू एक फूल-सा
तू एक फूल-सा
Sunanda Chaudhary
प्रशांत सोलंकी
प्रशांत सोलंकी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"कोई तो है"
Dr. Kishan tandon kranti
नशीली आंखें
नशीली आंखें
Shekhar Chandra Mitra
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बिहार–झारखंड की चुनिंदा दलित कविताएं (सम्पादक डा मुसाफ़िर बैठा & डा कर्मानन्द आर्य)
बिहार–झारखंड की चुनिंदा दलित कविताएं (सम्पादक डा मुसाफ़िर बैठा & डा कर्मानन्द आर्य)
Dr MusafiR BaithA
3323.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3323.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
Loading...