मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
3-फ़क़त है सियासत हक़ीक़त नहीं है
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम
*पीयूष जिंदल: एक सामाजिक व्यक्तित्व*
यदि मन में हो संकल्प अडिग
कैसे हमसे प्यार करोगे
KAVI BHOLE PRASAD NEMA CHANCHAL
सरेआम जब कभी मसअलों की बात आई
सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!!
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
Maturity is not when we start observing , judging or critici
केवल मन में इच्छा रखने से जीवन में कोई बदलाव आने से रहा।
Job can change your vegetables.
लगता है आवारगी जाने लगी है अब,