यह मूर्दों की बस्ती है
अरे, यह तो
मूर्दों की बस्ती है
सिर्फ़ हाय-हाय
कर सकती है…
(१)
ज़िंदगी-मौत के
सवाल पर भी
यहां छाई रहती
एक पस्ती है…
(२)
लुट सकती है
कहीं भी-कभी भी
किसी की अस्मत
इतनी सस्ती है…
(३)
जुल्मतों के
इस दौर में आख़िर
एक शायर की
क्या हस्ती है…
(४)
अफ़ीम खाकर
नाखुदा सोए
तूफ़ान के हवाले
कश्ती है…
(५)
फिर छाती
पिटनी है सबको
दो-चार दिन ही
यहां मस्ती है…
(६)
जो दूध पिलाने
आता उसी को
अचानक कूदकर
यह डंसती है…
(७)
काम मांगने पर
दुत्कार देती
बेरोजगारों पर
ताने कसती है…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#समाज #चुनी_हुई_चुप्पियां
#सुविधाभोगी_कायर #टॉपर्स
#मेरिटधारी #बुद्धिजीवी #सच
#स्वार्थी #न्यस्त_स्वार्थ #तमाशा
#PayBackToSociety #भीड़