यह भी भ्रष्टाचार
देवालय पहुंचकर
ड्यौढ़ी पर झुककर
घंटा बजाकर
नैवेद्य चढ़ाकर
अपने आप में सिमटकर
आंखें बंद कर
मुंह से बुदबुदा कर
मंदिर में विराजी
मूर्ति से सिर्फ
अपने लिए-
दूसरों से ज्यादा
दूसरों से जल्दी
मनौती मांगना
यह कैसी उपासना?
यह तो अपने छल-प्रपंचों से
कथित भगवान को भी है छलना
-16 जनवरी 2013
बुधवार, दोपहर 3 बजे