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3 Sep 2021 · 1 min read

यह बावरा मन

सब कुछ अस्थाई है
कुछ तो इस जीवन में
स्थाई नहीं
यह पल भी
पलभर में
एक गुजरा हुआ पल हो
गया
मेरे बस में
इसके बस में
उसके बस में
किसी के बस में
कुछ भी तो नहीं
यह बावरा मन फिर क्यों
हर किसी को
प्यार करता करता
जब जब वह पूरा मरा
उसके साथ
थोड़ा थोड़ा मर गया।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
499 Views
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