यह बावरा मन
सब कुछ अस्थाई है
कुछ तो इस जीवन में
स्थाई नहीं
यह पल भी
पलभर में
एक गुजरा हुआ पल हो
गया
मेरे बस में
इसके बस में
उसके बस में
किसी के बस में
कुछ भी तो नहीं
यह बावरा मन फिर क्यों
हर किसी को
प्यार करता करता
जब जब वह पूरा मरा
उसके साथ
थोड़ा थोड़ा मर गया।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001