यह पक्षपात क्यों ?
चार खंबे संगीत रूपी भवन के ,
रफी ,लता, मुकेश और किशोर ।
चारों का है एक समान योगदान ।
फिर क्यों करे प्रशासन इनमें भेद ,
क्यों न दे सब को समान आदर / सम्मान ।
देखकर यह भेदभाव दिल को कचोटता है ,
उठती है पीड़ा अथाह सागर समान ।
किसको कहें ,कौन सुने हमारी व्यथा,
चंद सिक्कों की झंकार में जिनका ,
डोल चुका दीन और ईमान ।