यह तो होता है दौर जिंदगी का
यह तो होता है दौर जिन्दगी का,
कि कभी अच्छा तो कभी बुरा वक्त आदमी का,
और फिर एक समय ऐसा भी आता है,
जब बन्द हो जाते हैं सारे रास्तें,
छोड़ जाते हैं साथ सभी अपने,
टूट जाता है इंसान तब दिल से,
हो जाती है धुन सवार खात्मे की।
नजर आता है हर तरफ अंधेरा,
बन जाता है आदमी इंसान से जानवर,
भूल जाता है वह अपनी शर्म और दया,
बहते हैं हरपल उसकी आँखों से आँसू ,
मगर लगाता नहीं कोई उसको सीने से,
उठाता है हर कोई उसकी मजबूरी का फायदा।
यह तो होता है दौर जिंदगी का,
फिर भी रखना चाहिए उम्मीद जिन्दा,
करते रहना चाहिए हमेशा मेहनत और कोशिश,
रंग लाती है एक दिन पसीने की बूंदें भी,
गुलजार होती है जिंदगी की वादियां,
और दौड़ पड़ती है रेल जिंदगी की।
यह तो होता है दौर जिंदगी का——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)