“यह जरूरी तो नहीं”
तपती रेत मुट्ठी में थाम ली हमने।
तू भी मेरी गिरफ्त में रहे यह जरूरी तो नहीं।
तेरी मोहब्बत का नशा इस कदर हावी है मुझ में।
तुझे भी इस नशे की आदत हो यह जरूरी तो नहीं।
तुझे पाने की खातिर हर हद से गुजर जाऊंगा मैं।
तू भी इस हद से गुजरे यह जरूरी तो नहीं।
मेरी मोहब्बत मेरे लिए हर कसम से बड़ी है।
पर तू भी इस कसम को माने यह जरूरी तो नहीं।
मुझ से जुड़ी हर कायनात में तेरा जिक्र आता है।
समीर वह भी तेरा जिक्र करें यह जरूरी तो नहीं।
जब भी फैलाता हूं हाथ दुआओं में उसकी खुशी मांगता हूं।
वह भी मेरे लिए दुआएं मांगे यह जरूरी तो नहीं।
समीर अपनी जिंदगी उस हमनशी के साथ जीना चाहता है।
वह हमनशी मेरे साथ जिंदगी जीना चाहे यह जरूरी तो नहीं।
“”समीर””