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14 Feb 2024 · 1 min read

यह कौनसा आया अब नया दौर है

शान्ति की बात कोई करता नहीं है।
प्यार से बात कोई करता नहीं है।।
उग्र हर कोई यहाँ अब दिखता है।
हर किसी की आँख में शोला दिखता है।।
यह कौनसा आया अब नया दौर है।
हर तरफ खून- बलवा और शोर है।।
शान्ति की बात——————–।।

बेरोजगार को बेरोजगारी नहीं दिखती।
गरीब को भी अपनी गरीबी नहीं दिखती।।
महंगाई से किसी को मतलब ही नहीं।
बेघर को भी घर की जरुरत नहीं।।
हर किसी की आँखों पे यह पर्दा कैसा है।
पढ़ा- लिखा इंसान भी अज्ञानी जैसा है।।
शान्ति की बात————————।।

शातिर है खुद को नहीं करता है बलिदान।
बन जाता है महान, करके दूजे बलिदान।।
मरवाते हैं लोगों को मजहब के नाम पर।
करते हैं राजनीति,लोगों की लाश पर।।
हर शहर- गाँव- गली यह कैसा मंजर है।
हर किसी की आँख- जुबां- हाथों में ख़ंजर है।।
शान्ति की बात—————————–।।

हर कोई मंजिल में गुमराह दिखता है।
कलमकार- मीडिया भी गुमराह दिखता है।।
सत्य को सत्य कहने से इंसान डरता है।
रुपयों में बिकता हुआ ईमान दिखता है।।
नई पीढ़ी में उठता हुआ यह कैसा ज्वार है।
नफरत और हिंसा का दिल में खुमार है।।
शान्ति की बात————————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
191 Views

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