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25 Aug 2021 · 1 min read

यह इमारतें गगनचुम्बी

मेरे घर की
किसी भी दिशा में
खड़े हो जाओ पर
कोई दिशा नहीं दिखती
मैं दिशा विहीन नहीं हुई
यह इमारतें ही गगनचुम्बी हो
गई हैं कि
कोई सड़क
कोई दिशा
कोई मंजिल
कोई आसमान
न कोई जमीन
कहीं भी खड़े होने पर
नहीं दिखती।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
227 Views
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