यह इमारतें गगनचुम्बी
मेरे घर की
किसी भी दिशा में
खड़े हो जाओ पर
कोई दिशा नहीं दिखती
मैं दिशा विहीन नहीं हुई
यह इमारतें ही गगनचुम्बी हो
गई हैं कि
कोई सड़क
कोई दिशा
कोई मंजिल
कोई आसमान
न कोई जमीन
कहीं भी खड़े होने पर
नहीं दिखती।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001