यह अपना प्यारा वतन
आओ साथियों आओ साथियों
मिलकर देश बनाएंगे
लड़ते होंगे लड़ने वाले
खुशहाली हम लाएंगे
सब मिल करे जतन
यहअपना प्यारा वतन
राम की धरती रहीम की बगिया
सुमन महकते खिले रहे
हिमगिरी से झरने फूटे
और गंगा यूं ही बहती रहे
हो ना किसी का यहां दमन
लेंगे हम फिर यही जनम
सब मिलकर करें जतन
यहअपना प्यारा वतन
दुनिया को दिखला देंगे हम
कितनी शक्ति हमारी है
कतरे कतरे से सिचेंगे
प्राणों से धरती प्यारी है
किसी से न कोई जलन
विश्वशांति का करें हवन
सब मिल करे जतन
यह अपना प्यारा वतन
मानवता की मशाल जलाकर
घर घर उजियारा लाए
ना कोई शत्रु बेरी जगत में
सबमें अपनापन पाए
अंतर मन से करें करम
परहित से ही फले धरम
आओ “अनुनय”करे जतन
यह अपना प्यारा वतन
“राजेश व्यास अनुनय”
बोड़ा राजगढ़ एमपी