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29 Oct 2020 · 1 min read

“”यही संसार है इसका यही सार है””

युग परिवर्तन युग परिवर्तन,होती रहती सबमें अनबन।
इक को मनाओ,दूजा रूठे,चल रहा फिर भी यह जीवन।
यही संसार है,इसका यही सार है ।।
सोच सभी की अपनी-अपनी, मेल कहां का पाती है।
अपनी मर्जी के सब मालिक, यही पीड़ा हमें सताती है।
अनुनय कहता, करना सभी से प्यार है।
यही संसार है, इसका यही सार है।।
युग कौन सा ऐसा बीता,परिवर्तन जिसमें न आया हो।
हर युग की है अपनी गाथा,किसने किसे न समझाया हो।
आयेगा कोई युग पुरुष ,करेगा सबपे उपकार है।
यही संसार है ,इसका यही सार है।।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 302 Views
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