Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Dec 2020 · 1 min read

— यही नही करते लोग —

जरा सा मिलते ही धन दौलत
गरूर से भर जाते हैं लोग
धरती से जुड़े रहो , मत उडो
आसमान पर, ऐसा आज
कहाँ करते हैं अब लोग

घमंड की सीमा नही
पाँव जमीन पर नही होते
पैसे के अलग अंदाज से
खुद को न जाने क्या समझ लेते हैं लोग

अपने आगे किसी को नही
कभी बड़ा समझते ऐसे लोग
सच ही है वैसे तो , जैसे
चढ़ते सूरज को सलाम करते हैं लोग

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Like · 374 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
वक्त, बेवक्त मैं अक्सर तुम्हारे ख्यालों में रहता हूं
वक्त, बेवक्त मैं अक्सर तुम्हारे ख्यालों में रहता हूं
Nilesh Premyogi
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
जीवन उद्देश्य
जीवन उद्देश्य
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो....
हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो....
कवि दीपक बवेजा
भरोसे के काजल में नज़र नहीं लगा करते,
भरोसे के काजल में नज़र नहीं लगा करते,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बसंत
बसंत
Lovi Mishra
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
manjula chauhan
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
Subhash Singhai
" क़ैदी विचाराधीन हूँ "
Chunnu Lal Gupta
मेनका की ‘मी टू’
मेनका की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
एक दिन में तो कुछ नहीं होता
एक दिन में तो कुछ नहीं होता
shabina. Naaz
हमारे प्यारे दादा दादी
हमारे प्यारे दादा दादी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
#सनातन_सत्य
#सनातन_सत्य
*प्रणय प्रभात*
तुम्हारे
तुम्हारे
हिमांशु Kulshrestha
गांधी जयंती..
गांधी जयंती..
Harminder Kaur
2- साँप जो आस्तीं में पलते हैं
2- साँप जो आस्तीं में पलते हैं
Ajay Kumar Vimal
*लम्हे* ( 24 of 25)
*लम्हे* ( 24 of 25)
Kshma Urmila
मेरा बचपन
मेरा बचपन
Dr. Rajeev Jain
*पापी पेट के लिए *
*पापी पेट के लिए *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जंग के भरे मैदानों में शमशीर बदलती देखी हैं
जंग के भरे मैदानों में शमशीर बदलती देखी हैं
Ajad Mandori
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
Shweta Soni
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
Priya princess panwar
लगाव का चिराग बुझता नहीं
लगाव का चिराग बुझता नहीं
Seema gupta,Alwar
अपनी कीमत उतनी रखिए जितना अदा की जा सके
अपनी कीमत उतनी रखिए जितना अदा की जा सके
Ranjeet kumar patre
संतोष भले ही धन हो, एक मूल्य हो, मगर यह ’हारे को हरि नाम’ की
संतोष भले ही धन हो, एक मूल्य हो, मगर यह ’हारे को हरि नाम’ की
Dr MusafiR BaithA
आरक्षण
आरक्षण
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
सुबह -सुबह
सुबह -सुबह
Ghanshyam Poddar
ఇదే నా భారత దేశం.
ఇదే నా భారత దేశం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
शिक्षा
शिक्षा
Neeraj Agarwal
जीवन का आत्मबोध
जीवन का आत्मबोध
ओंकार मिश्र
Loading...