यही तो कविता है_____ कविता
किसी के लिए कल्पना _तो कोई कहे करुणा।
वेदना _ संवेदना _ लिखता कोई शब्द विवेचना।।
*******यही तो कविता है**********
वियोगी बन लिखता है _कोई मन की भावना।
घटने वाली घटनाओं से भी बनती है संभावना।।
********यही तो कविता है**********
सरस्वती का वरदान जिसको मिल जाता।
रसना से उसकी शब्दकोश निकल पाता।।
*********यही तो कविता है*********
हर किसी के बस की बात नहीं यह।
लिखना तो चाहे पर लिख न पाए वह।।
*******यही तो कविता है***********
सुख शांति समृद्धि चाहे_कवि को यही तो भाए।
त्याग समर्पण निर्मल दर्पण उसको नजर आए।।
********यही तो कविता है***********
“अनुनय” के भाव है उसका यही स्वभाव है।
सुबह लिखूं शाम लिखूं गहरा ही लगाव है।।
********यही तो कविता है*********
🙏🙏विश्व कविता दिवस की समस्त काव्य साहित्य प्रेमियों सहित पाठक बंधुओं को हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏✍️✍️✍️✍️✍️🙏🙏
राजेश व्यास अनुनय