यही काफ़ी है।
मशहूर होने का शौक किसे है साहब।
हमको अपने ही पहचान ले यही काफी है।।1।।
हाथों से पिलाने वाले को क्या नाम दें।
नज़रों से जो अपनी पिलाये वही साकी है।।2।।
यूँ हर पीने वाला ख़राब होता नही है।
जो पी कर बहक गया बस वही शराबी है।।3।।
परेशांन हुए है हमें खत्म ना समझो।
अभी तो कहानी हमारी बहुत ही बाकी है।।4।।
किसी की उम्मीद बनो तो निभाओ।
यूँ वादा करके भूल जाना होती खराबी है।।5।।
गलत फहमी में ना जीना दुनियाँ में।
यहाँ हर किसीपे ही खुदा की पहरेदारी है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ