यही एक काम बुरा, जिंदगी में हमने किया है
यही एक काम बुरा, जिंदगी में हमने किया है।
मानकर अपना किसी को, प्यार हमने किया है।।
यही एक काम बुरा———————।।
प्यार अपना कभी हमने, रखा नहीं दिल में छुपाकर।
बनाने को हमसफ़र उसको, वादा हमने किया है।।
यही एक काम बुरा———————।।
रस्में निभाई नहीं हमने, साथ अपनों को लेकर।
ख्वाब अकेले मुकम्मल कर , गुनाह हमने किया है।।
यही एक काम बुरा——————–।।
हम भी चाहते हैं अपना आशियाना, बनाना फूलों में।
बनाकर प्यार का मंदिर, पाप एक हमने किया है।।
यही एक काम बुरा——————–।।
लगा लिया उसको गले, जिसका कोई शहर नहीं था।
दिल को उसको बसाने का, फैसला हमने किया है।।
यही एक काम बुरा———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)