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24 May 2024 · 1 min read

यहां ज्यादा की जरूरत नहीं

यहां ज्यादा की जरूरत नहीं
थोड़े में गुजारा होता है।
जहां ज्यादा मिले
वहां सब बिखरा हुआ होता है।

कौन बटोरेगा वो
बिखरा हुआ है जो।
यहां खुद ही का ना समभले
न जाने दूसरों का क्या हो।
** *** ** *** ** ***
तुम आज की सोचो
न जाने कल क्या हो।
हम जीते रहे कल में
आज चाहे जाओ।
** ** **
swami ganganiya
08/10/2011

Language: Hindi
1 Like · 113 Views
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