यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
यहीं प्रभु पादुकाओं से, भरत शासन चलाते थे।।
महल यह सूर्यकुल का, कर्मवीरों की निशानी है।
यहाँ शिवजी, गरुड़, नारद,अनेकों बार आते थे ।।
-जगदीश शर्मा सहज
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
यहीं प्रभु पादुकाओं से, भरत शासन चलाते थे।।
महल यह सूर्यकुल का, कर्मवीरों की निशानी है।
यहाँ शिवजी, गरुड़, नारद,अनेकों बार आते थे ।।
-जगदीश शर्मा सहज