Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2023 · 2 min read

यमराज मेरा मेहमान

हास्य –
यमराज मेरा मेहमान
************
कई दिनों से मैं महसूस कर रहा हूं
कि जब भी मैं घर के बाहर सुबह सुबह
चाय के साथ अखबार पढ़ने बैठता हूं,
घर के सामने लगे पेड़ पर कोई मुझे घूरता है
न वो पास आता है,न ही कुछ कहता है
बस टुकुर टुकुर देखता रहता है।
कल रात मैंने जब श्रीमती जी को इस बारे में बताया
तो वो बड़ी अदा से मुस्कराते हुए बोली
हूजूर! दीन दुनिया की खबर रखते हैं
समझदारी घर की में अलमारी में सजाये रखते हैं।
उसका थोड़ा उपयोग करना सीखो।
मैं झल्ला गया अरे! यार
नसीहत मत झाड़ो, साफ साफ बताओ।
श्रीमती जी ने समझाया
हुजूर वो कोई और नहीं जो आपको नहीं घूरता है
वो यमराज है जो अपनी ड्यूटी पर होता है
आपके हाथों की चाय का कप देख रुक जाता है,
सच बताऊं तो चाय पीना चाहता है
मेरी बनाई चाय की खुशबू में उलझकर
बेचारा अपनी ड्यूटी तक भूल जाता है,
लापरवाही के लिए डांट भी खाता होगा
पर तुम्हें शर्म तक नहीं आता,
बेचारा एक कप चाय के लालच में पेड़ पर
उम्मीद लगाकर बैठ जाता है।
सच बताऊं तो वो सुबह की चाय पीने आता है
उस चाय में उसे मेरा अक्स नज़र आता है।
कल आप दो कप चाय लेकर बैठना
फिर देखना सब समझ आ जाएगा
आपकी हर शंका का समाधान हो जाएगा।
अगले दिन दो कप चाय और बिस्कुट के साथ
मैं अखबार लेकर बैठ गया,
अखबार पढ़ते हुए चाय की चुस्कियां लेने लगा
पेड़ पर आज मुझे कोई घूरता नहीं लगा
हां! चाय का दूसरा कप
धीरे धीरे जरुर खाली होता गया
प्लेट से पांच बिस्कुट भी अपने आप गायब हो गया।
दूसरे कप की चाय जब खत्म हो गई,
मुझे धन्यवाद के साथ रविवार को फिर आऊंगा
का अस्पष्ट स्वर सुनाई दिया,
और एक साया उड़ता हुआ दिखाई दिया
मुझे समझ में आ गया
यमराज चाय पीकर फ़ुर्र हो गया,
अगले रविवार आने का संदेश एडवांस में दे गया,
अब मेरा संदेह मिट गया,
श्रीमती जी के दिमाग का लोहा मान गया,
यमराज मेरा हमेशा के लिए
जबरदस्ती का मेहमान बन गया।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
© मौलिक स्वरचित

Language: Hindi
1 Like · 121 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझे बिखरने मत देना
मुझे बिखरने मत देना
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
जिंदगी के तराने
जिंदगी के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
" लेकिन "
Dr. Kishan tandon kranti
मैं एक राह चुनती हूँ ,
मैं एक राह चुनती हूँ ,
Manisha Wandhare
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
Keshav kishor Kumar
इस सियासत की अगर मुझको अक्ल आ जाए
इस सियासत की अगर मुझको अक्ल आ जाए
Shweta Soni
कोई ना होता है अपना माँ के सिवा
कोई ना होता है अपना माँ के सिवा
Basant Bhagawan Roy
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
हमेशा समय रहते दूसरों की गलतियों से सीख लेना
हमेशा समय रहते दूसरों की गलतियों से सीख लेना
Sonam Puneet Dubey
हो रही है भोर अनुपम देखिए।
हो रही है भोर अनुपम देखिए।
surenderpal vaidya
जश्न आजादी का ....!!!
जश्न आजादी का ....!!!
Kanchan Khanna
*जीवन के गान*
*जीवन के गान*
Mukta Rashmi
आत्महत्या करके मरने से अच्छा है कुछ प्राप्त करके मरो यदि कुछ
आत्महत्या करके मरने से अच्छा है कुछ प्राप्त करके मरो यदि कुछ
Rj Anand Prajapati
3830.💐 *पूर्णिका* 💐
3830.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
Manju sagar
विचलित
विचलित
Mamta Rani
सबला
सबला
Rajesh
कैसे कहें घनघोर तम है
कैसे कहें घनघोर तम है
Suryakant Dwivedi
मज़बूत होने में
मज़बूत होने में
Ranjeet kumar patre
बुंदेली दोहा -चपेटा संकलन - राजीव नामदेव राना लिधौरी
बुंदेली दोहा -चपेटा संकलन - राजीव नामदेव राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*श्री विष्णु प्रभाकर जी के कर - कमलों द्वारा मेरी पुस्तक
*श्री विष्णु प्रभाकर जी के कर - कमलों द्वारा मेरी पुस्तक "रामपुर के रत्न" का लोकार्पण*
Ravi Prakash
आओ शाम की चाय तैयार हो रहीं हैं।
आओ शाम की चाय तैयार हो रहीं हैं।
Neeraj Agarwal
परम सत्य
परम सत्य
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दोहावली
दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
झूठी कश्ती प्यार की,
झूठी कश्ती प्यार की,
sushil sarna
खो कर खुद को,
खो कर खुद को,
Pramila sultan
सूरत यह सारी
सूरत यह सारी
Dr fauzia Naseem shad
आज के वक्त में भागकर या लड़कर शादी करना  कोई मुश्किल या  बहा
आज के वक्त में भागकर या लड़कर शादी करना कोई मुश्किल या बहा
पूर्वार्थ
अपनी चाह में सब जन ने
अपनी चाह में सब जन ने
Buddha Prakash
सूर्य अराधना और षष्ठी छठ पर्व के समापन पर प्रकृति रानी यह सं
सूर्य अराधना और षष्ठी छठ पर्व के समापन पर प्रकृति रानी यह सं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...