*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
यदि हम खास होते तो तेरे पास होते
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यदि हम खास होते तो तेरे पास होते,
चरण कमल के हम तो तेरे दास होते।
कलियों से बने कब फूल देखते हैँ रहे,
भंवरें बनकर फूलों के आसपास होते।
ये प्यार का रंग ढंग हर तरफ है छाया,
रसिया सरीखे हम आये तेरे रास होते।
मौके की नजाकत को गर समझ पाते,
बांहों में बांहे डाल खड़े तेरे वास होते।
मनसीरत तो आशिक इस कदर मानो,
पारो की हथेली पर जैसे देवदास होते।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)