यदि समुद्र का पानी खारा न होता।
यदि समुद्र का पानी खारा न होता।
तो किसी का फिर गुज़ारा न होता।
स्वाद को जो जन्म देता है।
बिना उसके फिर बादल में फुहारा न होता।
सब प्रकृति अपने आधार पर चला रही है जिससे वो खुद को संतुलन को बनाए हुए है।
RJ Anand Prajapati