यथार्थ और कल्पना
एक कवि की प्रेमिका कभी भी उसके प्रेम का आंकलन नहीं कर सकती
क्योंकि उसकी रचनाएं काल्पनिक है परन्तु
रचना करतें वक्त जीया गया जीवन
पूर्ण यथार्थ है
उस रचना को बेहतरीन बनाने में कोई भी कमी नहीं करता है
इसलिए वह आंकलन नहीं कर सकती कि यथार्थ और कल्पना में कौन श्रेष्ठतम है
शिव प्रताप लोधी