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8 Dec 2016 · 1 min read

यकीं है हमें

हर कदम हर राह एक उम्मीद है, दिखोगे तुम, यकीं है हमें।
हमने जब भी पुकारा, तुम्हे आना ही होगा, यकीं है हमें।

गुनगुनाते हैं वो नग्मे, जो सुनाये थे तुमने कभी,
फिर कहीं से आएगी वही आवाज़, यकीं है हमें।

मंज़िल दोनों ने मिलकर ही की थी तय, रास्ते भले अलग हुए,
किसी न किसी मोड़ पर मिलेंगे तुमसे, यकीं है हमें।

बीच सफर में छूट गया था जो हाथ हमसे कभी,
होगा एक मुसलसल तलाश में वो भी, यकीं है हमें।

एक नक्शा सा बसा है दिल में, ये साँसें जहाँ से आ रही हैं,
कुछ ही दूर, मिलेंगे तुमसे उसी दिशा में, यकीं है हमें।

प्रेम, विश्वास, दोस्ती, एहसास, दिल में भरे सभी जज़्बात,
तुम पर किसी दिन लुटाएंगे देखना, यकीं है हमें।

अरसे से तरस रही हैं आँखें, उसी नज़ारे की आस में,
वही दिलकश दीदार तुम्हारा पाएंगे फिर से, यकीं है हमें।

—————शैंकी भाटिया
अगस्त 18, 2016

Language: Hindi
240 Views
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