Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Sep 2024 · 1 min read

म्यान में ही, रहने दो, शमशीर को,

म्यान में ही, रहने दो, शमशीर को,
है गुज़ारिश बख्श दो तक़दीर को.!

एक हद तक, ही रहीं बस, जुम्बिशें,
कब तलक शर्म ओ हया की बंदिशें,
जुल्म कर मुझ पर मग़र खामोश हूँ,
क़ायदे कानून, या फिर साज़िशें,
हक़ मुझे भी मुस्कुराने का मिले,

थक चुकी हूँ झेलते इस पीर को,
है गुज़ारिश बख्श दो तक़दीर को..!

हद जमीं की देख ली है दौड़कर,
आसमां को आ गयीं हूँ चूमकर,
नाप ली हैं तह समंदर की सभी,
कब तलक मुझको रखोगे क़़ैद कर,
और कितने इम्तिहां बाकी अभी,

खोल भी दो अब तो इस जंजीर को,
है गुज़ारिश बख्श दो तक़दीर को..!

पंकज शर्मा “परिंदा”

Language: Hindi
Tag: गीत
52 Views

You may also like these posts

लोग मेरे साथ बेइंसाफी करते हैं ।।
लोग मेरे साथ बेइंसाफी करते हैं ।।
Ashwini sharma
#विनम्रता
#विनम्रता
Radheshyam Khatik
गीत- न ज़िल्लत कर किसी की तू...
गीत- न ज़िल्लत कर किसी की तू...
आर.एस. 'प्रीतम'
सपनों को दिल में लिए,
सपनों को दिल में लिए,
Yogendra Chaturwedi
मेरे टूटे हुए ख़्वाब आकर मुझसे सवाल करने लगे,
मेरे टूटे हुए ख़्वाब आकर मुझसे सवाल करने लगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पुष्प
पुष्प
Dinesh Kumar Gangwar
आज के दौर में मौसम का भरोसा क्या है।
आज के दौर में मौसम का भरोसा क्या है।
Phool gufran
जिस चीज में दिल ना लगे,
जिस चीज में दिल ना लगे,
Sunil Maheshwari
उनका सम्मान तब बढ़ जाता है जब
उनका सम्मान तब बढ़ जाता है जब
Sonam Puneet Dubey
बच्चे मन के सच्चे। ( Happy Children's day)
बच्चे मन के सच्चे। ( Happy Children's day)
Rj Anand Prajapati
कविता और गरीब की लुगाई / MUSAFIR BAITHA
कविता और गरीब की लुगाई / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
कवि दीपक बवेजा
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नादान परिंदा
नादान परिंदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
बरक्कत
बरक्कत
Awadhesh Singh
*जीवन-आनंद इसी में है, तन से न कभी लाचारी हो (राधेश्यामी छंद
*जीवन-आनंद इसी में है, तन से न कभी लाचारी हो (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
मिला है जब से साथ तुम्हारा
मिला है जब से साथ तुम्हारा
Ram Krishan Rastogi
सनातन चिंतन
सनातन चिंतन
Arun Prasad
3636.💐 *पूर्णिका* 💐
3636.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" याद रहे "
Dr. Kishan tandon kranti
जटिलताओं के आगे झुकना
जटिलताओं के आगे झुकना
VINOD CHAUHAN
जल संरक्षण बहुमूल्य
जल संरक्षण बहुमूल्य
Buddha Prakash
चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती,
चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती,
शेखर सिंह
कदम बढ़े  मदिरा पीने  को मदिरालय द्वार खड़काया
कदम बढ़े मदिरा पीने को मदिरालय द्वार खड़काया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुल्क का नक्शा ऐसा नहीं होता
मुल्क का नक्शा ऐसा नहीं होता
अरशद रसूल बदायूंनी
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
बच्चों की परीक्षाएं
बच्चों की परीक्षाएं
Dhirendra Singh
तुम वेद हो
तुम वेद हो
sheema anmol
परिवार का सत्यानाश
परिवार का सत्यानाश
पूर्वार्थ
शीर्षक -मातृभूमि के लाल
शीर्षक -मातृभूमि के लाल
Sushma Singh
Loading...